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فَاَجَاۤءَهَا الْمَخَاضُ اِلٰى جِذْعِ النَّخْلَةِۚ قَالَتْ يٰلَيْتَنِيْ مِتُّ قَبْلَ هٰذَا وَكُنْتُ نَسْيًا مَّنْسِيًّا   ( مريم: ٢٣ )

Then drove her
فَأَجَآءَهَا
तो ले आया उसे
the pains of childbirth
ٱلْمَخَاضُ
दर्दे ज़ह
to
إِلَىٰ
तरफ़
(the) trunk
جِذْعِ
तने के
(of) the date-palm
ٱلنَّخْلَةِ
खजूर के
She said
قَالَتْ
वो कहने लगी
"O! I wish
يَٰلَيْتَنِى
ऐ काश कि मैं
I (had) died
مِتُّ
मर जाती मैं
before
قَبْلَ
पहले
this
هَٰذَا
इससे
and I was
وَكُنتُ
और होती मैं
(in) oblivion
نَسْيًا
भूली-बिसरी
forgotten"
مَّنسِيًّا
भूली-बिसरी

Faajaaha almakhadu ila jith'i alnnakhlati qalat ya laytanee mittu qabla hatha wakuntu nasyan mansiyyan (Maryam 19:23)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई। वह कहने लगी, 'क्या ही अच्छा होता कि मैं इससे पहले ही मर जाती और भूली-बिसरी हो गई होती!'

English Sahih:

And the pains of childbirth drove her to the trunk of a palm tree. She said, "Oh, I wish I had died before this and was in oblivion, forgotten." ([19] Maryam : 23)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर (जब जनने का वक्त ़क़रीब आया तो दरदे ज़ह) उन्हें एक खजूर के (सूखे) दरख्त की जड़ में ले आया और (बेकसी में शर्म से) कहने लगीं काश मैं इससे पहले मर जाती और (न पैद होकर)