قَالَتْ اِنِّيْٓ اَعُوْذُ بِالرَّحْمٰنِ مِنْكَ اِنْ كُنْتَ تَقِيًّا ( مريم: ١٨ )
She said
قَالَتْ
वो कहने लगी
"Indeed I
إِنِّىٓ
बेशक मैं
[I] seek refuge
أَعُوذُ
मैं पनाह लेती हूँ
with the Most Gracious
بِٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान की
from you
مِنكَ
तुझसे
if
إِن
अगर
you are
كُنتَ
है तू
God fearing"
تَقِيًّا
मुत्तक़ी/डरने वाला
Qalat innee a'oothu bialrrahmani minka in kunta taqiyyan (Maryam 19:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह बोल उठी, 'मैं तुझसे बचने के लिए रहमान की पनाह माँगती हूँ; यदि तू (अल्लाह का) डर रखनेवाला है (तो यहाँ से हट जाएगा) ।'
English Sahih:
She said, "Indeed, I seek refuge in the Most Merciful from you, [so leave me], if you should be fearing of Allah." ([19] Maryam : 18)