قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّيْٓ اٰيَةً ۗقَالَ اٰيَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَ لَيَالٍ سَوِيًّا ( مريم: ١٠ )
He said
قَالَ
कहा
"My Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Make
ٱجْعَل
बना
for me
لِّىٓ
मेरे लिए
a sign"
ءَايَةًۚ
कोई निशानी
He said
قَالَ
कहा
"Your sign
ءَايَتُكَ
निशानी तेरी
(is) that not
أَلَّا
ये कि ना
you will speak
تُكَلِّمَ
तू कलाम करेगा
(to) the people
ٱلنَّاسَ
लोगों से
(for) three
ثَلَٰثَ
तीन
nights
لَيَالٍ
रातें
sound"
سَوِيًّا
तंदरुस्ती (के बावजूद)
Qala rabbi ij'al lee ayatan qala ayatuka alla tukallima alnnasa thalatha layalin sawiyyan (Maryam 19:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निश्चित कर दे।' कहा, 'तेरी निशानी यह है कि तू भला-चंगा रहकर भी तीन रात (और दिन) लोगों से बात न करे।'
English Sahih:
[Zechariah] said, "My Lord, make for me a sign." He said, "Your sign is that you will not speak to the people for three nights, [being] sound." ([19] Maryam : 10)