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۞ وَتَرَكْنَا بَعْضَهُمْ يَوْمَىِٕذٍ يَّمُوْجُ فِيْ بَعْضٍ وَّنُفِخَ فِى الصُّوْرِ فَجَمَعْنٰهُمْ جَمْعًا ۙ  ( الكهف: ٩٩ )

And We (will) leave
وَتَرَكْنَا
और छोड़ देंगे हम
some of them
بَعْضَهُمْ
उनके बाज़ को
(on) that Day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
to surge
يَمُوجُ
वो मौज की तरह घुस जाऐंगे
over
فِى
बाज़ में
others
بَعْضٍۖ
बाज़ में
and (will be) blown
وَنُفِخَ
और फूँक मारी जाएगी
in
فِى
सूर में
the trumpet
ٱلصُّورِ
सूर में
then We (will) gather them
فَجَمَعْنَٰهُمْ
तो जमा कर लेंगे हम उन्हें
all together
جَمْعًا
जमा करना

Watarakna ba'dahum yawmaithin yamooju fee ba'din wanufikha fee alssoori fajama'nahum jam'an (al-Kahf 18:99)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उस दिन हम उन्हें छोड़ देंगे कि वे एक-दूसरे से मौज़ों की तरह परस्पर गुत्मथ-गुत्था हो जाएँगे। और 'सूर' फूँका जाएगा। फिर हम उन सबको एक साथ इकट्ठा करेंगे

English Sahih:

And We will leave them that day surging over each other, and [then] the Horn will be blown, and We will assemble them in [one] assembly. ([18] Al-Kahf : 99)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम उस दिन (उन्हें उनकी हालत पर) छोड़ देंगे कि एक दूसरे में (टकरा के दरिया की) लहरों की तरह गुड़मुड़ हो जाएँ और सूर फूँका जाएगा तो हम सब को इकट्ठा करेंगे