اٰتُوْنِيْ زُبَرَ الْحَدِيْدِۗ حَتّٰىٓ اِذَا سَاوٰى بَيْنَ الصَّدَفَيْنِ قَالَ انْفُخُوْا ۗحَتّٰىٓ اِذَا جَعَلَهٗ نَارًاۙ قَالَ اٰتُوْنِيْٓ اُفْرِغْ عَلَيْهِ قِطْرًا ۗ ( الكهف: ٩٦ )
Atoonee zubara alhadeedi hatta itha sawa bayna alsadafayni qala onfukhoo hatta itha ja'alahu naran qala atoonee ofrigh 'alayhi qitran (al-Kahf 18:96)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मुझे लोहे के टुकड़े ला दो।' यहाँ तक कि जब दोनों पर्वतों के बीच के रिक्त स्थान को पाटकर बराबर कर दिया तो कहा, 'धौंको!' यहाँ तक कि जब उसे आग कर दिया तो कहा, 'मुझे पिघला हुआ ताँबा ला दो, ताकि मैं उसपर उँड़ेल दूँ।'
English Sahih:
Bring me bars of iron" – until, when he had leveled [them] between the two mountain walls, he said, "Blow [with bellows]," until when he had made it [like] fire, he said, "Bring me, that I may pour over it molten copper." ([18] Al-Kahf : 96)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(अच्छा तो) मुझे (कहीं से) लोहे की सिले ला दो (चुनान्चे वह लोग) लाए और एक बड़ी दीवार बनाई यहाँ तक कि जब दोनो कंगूरो के दरमेयान (दीवार) को बुलन्द करके उनको बराबर कर दिया तो उनको हुक्म दिया कि इसके गिर्द आग लगाकर धौको यहां तक उसको (धौंकते-धौंकते) लाल अंगारा बना दिया