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وَاَمَّا مَنْ اٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَلَهٗ جَزَاۤءً ۨالْحُسْنٰىۚ وَسَنَقُوْلُ لَهٗ مِنْ اَمْرِنَا يُسْرًا ۗ  ( الكهف: ٨٨ )

But as for
وَأَمَّا
और रहा
(one) who
مَنْ
वो जो
believes
ءَامَنَ
ईमान लाया
and does
وَعَمِلَ
और उसने अमल किए
righteous (deeds)
صَٰلِحًا
नेक
then for him
فَلَهُۥ
तो उसके लिए
(is) a reward
جَزَآءً
जज़ा है
good
ٱلْحُسْنَىٰۖ
अच्छी
And we will speak
وَسَنَقُولُ
और अनक़रीब हम कहेंगे
to him
لَهُۥ
उसे
from
مِنْ
अपने काम में से
our command
أَمْرِنَا
अपने काम में से
(with) ease"
يُسْرًا
आसान

Waamma man amana wa'amila salihan falahu jazaan alhusna wasanaqoolu lahu min amrina yusran (al-Kahf 18:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु जो कोई ईमान लाया औऱ अच्छा कर्म किया, उसके लिए तो अच्छा बदला है और हम उसे अपना सहज एवं मृदुल आदेश देंगे।'

English Sahih:

But as for one who believes and does righteousness, he will have a reward of the best [i.e., Paradise], and we [i.e., Dhul-Qarnayn] will speak to him from our command with ease." ([18] Al-Kahf : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो शख्स ईमान कुबूल करेगा और अच्छे काम करेगा तो (वैसा ही) उसके लिए अच्छे से अच्छा बदला है और हम बहुत जल्द उसे अपने कामों में से आसान काम (करने) को कहेंगे