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وَاَمَّا الْغُلٰمُ فَكَانَ اَبَوَاهُ مُؤْمِنَيْنِ فَخَشِيْنَآ اَنْ يُّرْهِقَهُمَا طُغْيَانًا وَّكُفْرًا ۚ  ( الكهف: ٨٠ )

And as for
وَأَمَّا
और रहा
the boy
ٱلْغُلَٰمُ
लड़का
his parents were
فَكَانَ
तो थे
his parents were
أَبَوَاهُ
वालिदैन उसके
believers
مُؤْمِنَيْنِ
दोनों मोमिन
and we feared
فَخَشِينَآ
तो डर हुआ हमें
that
أَن
कि
he would overburden them
يُرْهِقَهُمَا
वो तकलीफ़ देगा उन्हें
(by) transgression
طُغْيَٰنًا
सरकशी
and disbelief
وَكُفْرًا
और कुफ़्र से

Waamma alghulamu fakana abawahu muminayni fakhasheena an yurhiqahuma tughyanan wakufran (al-Kahf 18:80)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रहा वह लड़का, तो उसके माँ-बाप ईमान पर थे। हमें आशंका हुई कि वह सरकशी और कुफ़्र से उन्हें तंग करेगा

English Sahih:

And as for the boy, his parents were believers, and we feared that he would overburden them by transgression and disbelief. ([18] Al-Kahf : 80)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह जो लड़का जिसको मैंने मार डाला तो उसके माँ बाप दोनों (सच्चे) ईमानदार हैं तो मुझको ये अन्देशा हुआ कि (ऐसा न हो कि बड़ा होकर) उनको भी अपने सरकशी और कुफ़्र में फँसा दे