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وَمَا نُرْسِلُ الْمُرْسَلِيْنَ اِلَّا مُبَشِّرِيْنَ وَمُنْذِرِيْنَۚ وَيُجَادِلُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِالْبَاطِلِ لِيُدْحِضُوْا بِهِ الْحَقَّ وَاتَّخَذُوْٓا اٰيٰتِيْ وَمَآ اُنْذِرُوْا هُزُوًا  ( الكهف: ٥٦ )

And not
وَمَا
और नहीं
We send
نُرْسِلُ
हम भेजते
the Messengers
ٱلْمُرْسَلِينَ
रसूलों को
except
إِلَّا
मगर
(as) bearers of glad tidings
مُبَشِّرِينَ
ख़ुशख़बरी देने वाले
and (as) warners
وَمُنذِرِينَۚ
और डराने वाले बनाकर
And dispute
وَيُجَٰدِلُ
और झगड़ते हैं
those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
with falsehood
بِٱلْبَٰطِلِ
साथ बातिल के
to refute
لِيُدْحِضُوا۟
ताकि वो फुसला दें
thereby
بِهِ
साथ उसके
the truth
ٱلْحَقَّۖ
हक़ को
And they take
وَٱتَّخَذُوٓا۟
और उन्होंने बना लिया
My Verses
ءَايَٰتِى
मेरी आयात को
and what
وَمَآ
और जिससे
they are warned
أُنذِرُوا۟
वो डराए गए
(in) ridicule
هُزُوًا
मज़ाक़

Wama nursilu almursaleena illa mubashshireena wamunthireena wayujadilu allatheena kafaroo bialbatili liyudhidoo bihi alhaqqa waittakhathoo ayatee wama onthiroo huzuwan (al-Kahf 18:56)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रसूलों को हम केवल शुभ सूचना देनेवाले और सचेतकर्त्ता बनाकर भेजते है। किन्तु इनकार करनेवाले लोग है कि असत्य के सहारे झगड़ते है, ताकि सत्य को डिगा दें। उन्होंने मेरी आयतों का और जो चेतावनी उन्हें दी गई उसका मज़ाक बना दिया है

English Sahih:

And We send not the messengers except as bringers of good tidings and warners. And those who disbelieve dispute by [using] falsehood to [attempt to] invalidate thereby the truth and have taken My verses, and that of which they are warned, in ridicule. ([18] Al-Kahf : 56)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम तो पैग़म्बरों को सिर्फ इसलिए भेजते हैं कि (अच्छों को निजात की) खुशख़बरी सुनाएंऔर (बदों को अज़ाब से) डराएंऔर जो लोग काफिर हैं झूटी झूटी बातों का सहारा पकड़ के झगड़ा करते है ताकि उसकी बदौलत हक़ को (उसकी जगह से उखाड़ फेकें और उन लोगों ने मेरी आयतों को जिस (अज़ाब से) ये लोग डराए गए हॅसी ठ्ठ्ठा (मज़ाक) बना रखा है