۞ مَآ اَشْهَدْتُّهُمْ خَلْقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَلَا خَلْقَ اَنْفُسِهِمْۖ وَمَا كُنْتُ مُتَّخِذَ الْمُضِلِّيْنَ عَضُدًا ( الكهف: ٥١ )
Not
مَّآ
नहीं
I made them witness
أَشْهَدتُّهُمْ
मैंने हाज़िर किया था उन्हें
the creation
خَلْقَ
पैदाइश (के वक़्त)
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन की
and not
وَلَا
और ना
the creation
خَلْقَ
पैदाइश में
(of) themselves
أَنفُسِهِمْ
उनकी अपनी
and not
وَمَا
और नहीं
I Am
كُنتُ
हूँ मैं
the One to take
مُتَّخِذَ
बनाने वाला
the misleaders
ٱلْمُضِلِّينَ
गुमराह करने वालों को
(as) helper(s)
عَضُدًا
बाज़ू (मददगार)
Ma ashhadtuhum khalqa alssamawati waalardi wala khalqa anfusihim wama kuntu muttakhitha almudilleena 'adudan (al-Kahf 18:51)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मैंने न तो आकाशों और धरती को उन्हें दिखाकर पैदा किया और न स्वयं उनको बनाने और पैदा करने के समय ही उन्हें बुलाया। मैं ऐसा नहीं हूँ कि गुमराह करनेवालों को अपनी बाहु-भुजा बनाऊँ
English Sahih:
I did not make them witness to the creation of the heavens and the earth or to the creation of themselves, and I would not have taken the misguiders as assistants. ([18] Al-Kahf : 51)