وَقُلِ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكُمْۗ فَمَنْ شَاۤءَ فَلْيُؤْمِنْ وَّمَنْ شَاۤءَ فَلْيَكْفُرْۚ اِنَّآ اَعْتَدْنَا لِلظّٰلِمِيْنَ نَارًاۙ اَحَاطَ بِهِمْ سُرَادِقُهَاۗ وَاِنْ يَّسْتَغِيْثُوْا يُغَاثُوْا بِمَاۤءٍ كَالْمُهْلِ يَشْوِى الْوُجُوْهَۗ بِئْسَ الشَّرَابُۗ وَسَاۤءَتْ مُرْتَفَقًا ( الكهف: ٢٩ )
Waquli alhaqqu min rabbikum faman shaa falyumin waman shaa falyakfur inna a'tadna lilththalimeena naran ahata bihim suradiquha wain yastagheethoo yughathoo bimain kaalmuhli yashwee alwujooha bisa alshsharabu wasaat murtafaqan (al-Kahf 18:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'वह सत्य है तुम्हारे रब की ओर से। तो अब जो कोई चाहे माने और जो चाहे इनकार कर दे।' हमने तो अत्याचारियों के लिए आग तैयार कर रखी है, जिसकी क़नातों ने उन्हें घेर लिया है। यदि वे फ़रियाद करेंगे तो फ़रियाद के प्रत्युत्तर में उन्हें ऐसा पानी मिलेगा जो तेल की तलछट जैसा होगा; वह उनके मुँह भून डालेगा। बहुत ही बुरा है वह पेय और बहुत ही बुरा है वह विश्रामस्थल!
English Sahih:
And say, "The truth is from your Lord, so whoever wills – let him believe; and whoever wills – let him disbelieve." Indeed, We have prepared for the wrongdoers a fire whose walls will surround them. And if they call for relief, they will be relieved with water like murky oil, which scalds [their] faces. Wretched is the drink, and evil is the resting place. ([18] Al-Kahf : 29)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) तुम कह दों कि सच्ची बात (कलमए तौहीद) तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से (नाज़िल हो चुकी है) बस जो चाहे माने और जो चाहे न माने (मगर) हमने ज़ालिमों के लिए वह आग (दहका के) तैयार कर रखी है जिसकी क़नातें उन्हें घेर लेगी और अगर वह लोग दोहाई करेगें तो उनकी फरियाद रसी खौलते हुए पानी से की जाएगी जो मसलन पिघले हुए ताबें की तरह होगा (और) वह मुँह को भून डालेगा क्या बुरा पानी है और (जहन्नुम भी) क्या बुरी जगह है