اِلَّآ اَنْ يَّشَاۤءَ اللّٰهُ ۖوَاذْكُرْ رَّبَّكَ اِذَا نَسِيْتَ وَقُلْ عَسٰٓى اَنْ يَّهْدِيَنِ رَبِّيْ لِاَقْرَبَ مِنْ هٰذَا رَشَدًا ( الكهف: ٢٤ )
Except
إِلَّآ
मगर
"If
أَن
ये कि
Allah wills"
يَشَآءَ
चाहे
Allah wills"
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
And remember
وَٱذْكُر
और याद कीजिए
your Lord
رَّبَّكَ
अपने रब को
when
إِذَا
जब
you forget
نَسِيتَ
भूल जाऐं आप
and say
وَقُلْ
और कह दीजिए
"Perhaps
عَسَىٰٓ
उम्मीद है
[that]
أَن
कि
will guide me
يَهْدِيَنِ
रहनुमाई करेगा मेरी
my Lord
رَبِّى
मेरा रब
to a nearer (way)
لِأَقْرَبَ
क़रीबतर की
than
مِنْ
इससे
this
هَٰذَا
इससे
right way"
رَشَدًا
भलाई में
Illa an yashaa Allahu waothkur rabbaka itha naseeta waqul 'asa an yahdiyani rabbee liaqraba min hatha rashadan (al-Kahf 18:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
बल्कि अल्लाह की इच्छा ही लागू होती है। और जब तुम भूल जाओ तो अपने रब को याद कर लो और कहो, 'आशा है कि मेरा रब इससे भी क़रीब सही बात ही ओर मार्गदर्शन कर दे।'
English Sahih:
Except [when adding], "If Allah wills." And remember your Lord when you forget [it] and say, "Perhaps my Lord will guide me to what is nearer than this to right conduct." ([18] Al-Kahf : 24)