وَاِذِ اعْتَزَلْتُمُوْهُمْ وَمَا يَعْبُدُوْنَ اِلَّا اللّٰهَ فَأْوٗٓا اِلَى الْكَهْفِ يَنْشُرْ لَكُمْ رَبُّكُمْ مِّنْ رَّحْمَتِهٖ وَيُهَيِّئْ لَكُمْ مِّنْ اَمْرِكُمْ مِّرْفَقًا ( الكهف: ١٦ )
Waithi i'tazaltumoohum wama ya'budoona illa Allaha fawoo ila alkahfi yanshur lakum rabbukum min rahmatihi wayuhayyi lakum min amrikum mirfaqan (al-Kahf 18:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जबकि इनसे तुम अलग हो गए हो और उनसे भी जिनको अल्लाह के सिवा ये पूजते है, तो गुफा में चलकर शरण लो। तुम्हारा रब तुम्हारे लिए अपनी दयालुता का दामन फैला देगा और तुम्हारे लिए तुम्हारे अपने काम से सम्बन्ध में सुगमता का उपकरण उपलब्ध कराएगा।'
English Sahih:
[The youths said to one another], "And when you have withdrawn from them and that which they worship other than Allah, retreat to the cave. Your Lord will spread out for you of His mercy and will prepare for you from your affair facility." ([18] Al-Kahf : 16)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(फिर बाहम कहने लगे कि) जब तुमने उन लोगों से और ख़ुदा के सिवा जिन माबूदों की ये लोग परसतिश करते हैं उनसे किनारा कशी करली तो चलो (फलॉ) ग़ार में जा बैठो और तुम्हारा परवरदिगार अपनी रहमत तुम पर वसीह कर देगा और तुम्हारा काम में तुम्हारे लिए आसानी के सामान मुहय्या करेगा