قُلْ اِنَّمَآ اَنَا۠ بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ يُوْحٰٓى اِلَيَّ اَنَّمَآ اِلٰهُكُمْ اِلٰهٌ وَّاحِدٌۚ فَمَنْ كَانَ يَرْجُوْا لِقَاۤءَ رَبِّهٖ فَلْيَعْمَلْ عَمَلًا صَالِحًا وَّلَا يُشْرِكْ بِعِبَادَةِ رَبِّهٖٓ اَحَدًا ࣖ ( الكهف: ١١٠ )
Qul innama ana basharun mithlukum yooha ilayya annama ilahukum ilahun wahidun faman kana yarjoo liqaa rabbihi falya'mal 'amalan salihan wala yushrik bi'ibadati rabbihi ahadan (al-Kahf 18:110)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'मैं तो केवल तुम्हीं जैसा मनुष्य हूँ। मेरी ओर प्रकाशना की जाती है कि तुम्हारा पूज्य-प्रभु बस अकेला पूज्य-प्रभु है। अतः जो कोई अपने रब से मिलन की आशा रखता हो, उसे चाहिए कि अच्छा कर्म करे और अपने रब की बन्दगी में किसी को साझी न बनाए।'
English Sahih:
Say, "I am only a man like you, to whom has been revealed that your god is one God. So whoever would hope for the meeting with his Lord – let him do righteous work and not associate in the worship of his Lord anyone." ([18] Al-Kahf : 110)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) कह दो कि मैं भी तुम्हारा ही ऐसा एक आदमी हूँ (फर्क़ इतना है) कि मेरे पास ये वही आई है कि तुम्हारे माबूद यकता माबूद हैं तो वो शख्स आरज़ूमन्द होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसे अच्छे काम करने चाहिए और अपने परवरदिगार की इबादत में किसी को शरीक न करें