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اَلَّذِيْنَ ضَلَّ سَعْيُهُمْ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَهُمْ يَحْسَبُوْنَ اَنَّهُمْ يُحْسِنُوْنَ صُنْعًا   ( الكهف: ١٠٤ )

Those -
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
is lost
ضَلَّ
ज़ाया हो गई
their effort
سَعْيُهُمْ
कोशिश उनकी
in
فِى
ज़िन्दगी में
the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
while they
وَهُمْ
और वो
think
يَحْسَبُونَ
वो समझते हैं
that they
أَنَّهُمْ
कि बेशक वो
(were) acquiring good
يُحْسِنُونَ
वो अच्छे कर रहे हैं
(in) work"
صُنْعًا
काम

Allatheena dalla sa'yuhum fee alhayati alddunya wahum yahsaboona annahum yuhsinoona sun'an (al-Kahf 18:104)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यो वे लोग है जिनका प्रयास सांसारिक जीवन में अकारथ गया और वे यही समझते है कि वे बहुत अच्छा कर्म कर रहे है

English Sahih:

[They are] those whose effort is lost in worldly life, while they think that they are doing well in work." ([18] Al-Kahf : 104)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ये) वह लोग (हैं) जिन की दुनियावी ज़िन्दगी की राई (कोशिश सब) अकारत हो गई और वह उस ख़ाम ख्याल में हैं कि वह यक़ीनन अच्छे-अच्छे काम कर रहे हैं