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ذٰلِكَ جَزَاۤؤُهُمْ بِاَنَّهُمْ كَفَرُوْا بِاٰيٰتِنَا وَقَالُوْٓا ءَاِذَا كُنَّا عِظَامًا وَّرُفَاتًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ خَلْقًا جَدِيْدًا   ( الإسراء: ٩٨ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is) their recompense
جَزَآؤُهُم
बदला है उनका
because they
بِأَنَّهُمْ
बवजह इसके कि उन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
इन्कार किया
in Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात का
and said
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
"When
أَءِذَا
क्या जब
we are
كُنَّا
होंगे हम
bones
عِظَٰمًا
हड्डियाँ
and crumbled particles
وَرُفَٰتًا
और चूरा-चूरा
will we
أَءِنَّا
क्या बेशक हम
surely (be) resurrected
لَمَبْعُوثُونَ
अलबत्ता उठाए जाने वाले हैं
(as) a creation
خَلْقًا
पैदा करके
new"
جَدِيدًا
नए सिरे से

Thalika jazaohum biannahum kafaroo biayatina waqaloo aitha kunna 'ithaman warufatan ainna lamab'oothoona khalqan jadeedan (al-ʾIsrāʾ 17:98)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यही उनका बदला है, इसलिए कि उन्होंने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, 'क्या जब हम केवल हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हमें नए सिरे से पैदा करके उठा खड़ा किया जाएगा?'

English Sahih:

That is their recompense because they disbelieved in Our verses and said, "When we are bones and crumbled particles, will we [truly] be resurrected [in] a new creation?" ([17] Al-Isra : 98)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये सज़ा उनकी इस वज़ह से है कि उन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया और कहने लगे कि जब हम (मरने के बाद सड़ गल) कर हड्डियाँ और रेज़ा रेज़ा हो जाएँगीं तो क्या फिर हम नये सिरे से पैदा करके उठाए जाएँगें