اَوْ تُسْقِطَ السَّمَاۤءَ كَمَا زَعَمْتَ عَلَيْنَا كِسَفًا اَوْ تَأْتِيَ بِاللّٰهِ وَالْمَلٰۤىِٕكَةِ قَبِيْلًاۙ ( الإسراء: ٩٢ )
Or
أَوْ
या
you cause to fall
تُسْقِطَ
तुम गिराओ
the sky
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
as
كَمَا
जैसा कि
you have claimed
زَعَمْتَ
तुम दावा करते हो
upon us
عَلَيْنَا
हम पर
(in) pieces
كِسَفًا
टुकड़े-टुकड़े करके
or
أَوْ
या
you bring
تَأْتِىَ
तुम ले आओ
Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह को
and the Angels
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
और फ़रिशतों को
before (us)
قَبِيلًا
सामने
Aw tusqita alssamaa kama za'amta 'alayna kisafan aw tatiya biAllahi waalmalaikati qabeelan (al-ʾIsrāʾ 17:92)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
या आकाश को टुकड़े-टुकड़े करके हम पर गिरा दो जैसा कि तुम्हारा दावा है, या अल्लाह और फ़रिश्तों ही को हमारे समझ ले आओ,
English Sahih:
Or you make the heaven fall upon us in fragments as you have claimed or you bring Allah and the angels before [us] ([17] Al-Isra : 92)