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اِلَّا رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَۗ اِنَّ فَضْلَهٗ كَانَ عَلَيْكَ كَبِيْرًا  ( الإسراء: ٨٧ )

Except
إِلَّا
सिवाय
a mercy
رَحْمَةً
रहमत के
from
مِّن
आपके रब की तरफ़ से
your Lord
رَّبِّكَۚ
आपके रब की तरफ़ से
Indeed
إِنَّ
बेशक
His Bounty
فَضْلَهُۥ
फ़ज़ल उसका
is
كَانَ
है
upon you
عَلَيْكَ
आप पर
great
كَبِيرًا
बहुत बड़ा

Illa rahmatan min rabbika inna fadlahu kana 'alayka kabeeran (al-ʾIsrāʾ 17:87)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यह तो बस तुम्हारे रब की दयालुता है। वास्तविकता यह है कि उसका तुमपर बड़ा अनुग्रह है

English Sahih:

Except [We have left it with you] as a mercy from your Lord. Indeed, His favor upon you has ever been great. ([17] Al-Isra : 87)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर ये सिर्फ तुम्हारे परवरदिगार की रहमत है (कि उसने ऐसा किया) इसमें शक़ नहीं कि उसका तुम पर बड़ा फज़ल व करम है