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وَمِنَ الَّيْلِ فَتَهَجَّدْ بِهٖ نَافِلَةً لَّكَۖ عَسٰٓى اَنْ يَّبْعَثَكَ رَبُّكَ مَقَامًا مَّحْمُوْدًا  ( الإسراء: ٧٩ )

And from
وَمِنَ
और कुछ हिस्सा रात का
the night
ٱلَّيْلِ
और कुछ हिस्सा रात का
arise from sleep for prayer
فَتَهَجَّدْ
पस तहाज्जुद पढ़ा कीजिए
with it
بِهِۦ
साथ इस (क़ुरआन) के
(as) additional
نَافِلَةً
नफ़िल/ज़ायद हैं
for you;
لَّكَ
आपके लिए
it may be
عَسَىٰٓ
उम्मीद है
that
أَن
कि
will raise you
يَبْعَثَكَ
खड़ा कर दे आपको
your Lord
رَبُّكَ
रब आपका
(to) a station
مَقَامًا
मक़ामे
praiseworthy
مَّحْمُودًا
महमूद पर

Wamina allayli fatahajjad bihi nafilatan laka 'asa an yab'athaka rabbuka maqaman mahmoodan (al-ʾIsrāʾ 17:79)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रात के कुछ हिस्से में उस (क़ुरआन) के द्वारा जागरण किया करो, यह तुम्हारे लिए तद्अधिक (नफ़्ल) है। आशा है कि तुम्हारा रब तुम्हें उठाए ऐसा उठाना जो प्रशंसित हो

English Sahih:

And from [part of] the night, pray with it [i.e., recitation of the Quran] as additional [worship] for you; it is expected that your Lord will resurrect you to a praised station. ([17] Al-Isra : 79)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और रात के ख़ास हिस्से में नमाजे तहज्जुद पढ़ा करो ये सुन्नत तुम्हारी खास फज़ीलत हैं क़रीब है कि क़यामत के दिन ख़ुदा तुमको मक़ामे महमूद तक पहुँचा दे