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وَاِنْ كَادُوْا لَيَفْتِنُوْنَكَ عَنِ الَّذِيْٓ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ لِتَفْتَرِيَ عَلَيْنَا غَيْرَهٗۖ وَاِذًا لَّاتَّخَذُوْكَ خَلِيْلًا  ( الإسراء: ٧٣ )

And indeed
وَإِن
और बेशक
they were about (to)
كَادُوا۟
वो क़रीब थे कि
tempt you away
لَيَفْتِنُونَكَ
अलबत्ता वो फ़ितने में डालें आपको
from
عَنِ
उससे जो
that which
ٱلَّذِىٓ
उससे जो
We revealed
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
to you
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
that you invent
لِتَفْتَرِىَ
ताकि आप गढ़ लाऐं
about Us
عَلَيْنَا
हम पर
other (than) it
غَيْرَهُۥۖ
सिवाय उस (वही) के
And then
وَإِذًا
और तब
surely they would take you
لَّٱتَّخَذُوكَ
ज़रूर वो बना लेते आपको
(as) a friend
خَلِيلًا
दिली दोस्त

Wain kadoo layaftinoonaka 'ani allathee awhayna ilayka litaftariya 'alayna ghayrahu waithan laittakhathooka khaleelan (al-ʾIsrāʾ 17:73)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वे लगते थे कि तुम्हें फ़िले में डालकर उस चीज़ से हटा देने को है जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है, ताकि तुम उससे भिन्न चीज़ घड़कर हमपर थोपो, और तब वे तुम्हें अपना घनिष्ठ मित्र बना लेते

English Sahih:

And indeed, they were about to tempt you away from that which We revealed to you in order to [make] you invent about Us something else; and then they would have taken you as a friend. ([17] Al-Isra : 73)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) हमने तो (क़ुरान) तुम्हारे पास 'वही' के ज़रिए भेजा अगर चे लोग तो तुम्हें इससे बहकाने ही लगे थे ताकि तुम क़ुरान के अलावा फिर (दूसरी बातों का) इफ़तेरा बाँधों और (जब तुम ये कर गुज़रते उस वक्त ये लोग तुम को अपना सच्चा दोस्त बना लेते