Skip to main content

فَاِذَا جَاۤءَ وَعْدُ اُوْلٰىهُمَا بَعَثْنَا عَلَيْكُمْ عِبَادًا لَّنَآ اُولِيْ بَأْسٍ شَدِيْدٍ فَجَاسُوْا خِلٰلَ الدِّيَارِۗ وَكَانَ وَعْدًا مَّفْعُوْلًا  ( الإسراء: ٥ )

So when
فَإِذَا
फिर जब
came
جَآءَ
आ गया
(the) promise
وَعْدُ
वादा
(for) the first of the two
أُولَىٰهُمَا
उन दोनों में से पहला
We raised
بَعَثْنَا
भेजा हमने
against you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
servants
عِبَادًا
अपने बन्दों को
of Ours
لَّنَآ
अपने बन्दों को
those of great military might
أُو۟لِى
लड़ाई वाले
those of great military might
بَأْسٍ
लड़ाई वाले
those of great military might
شَدِيدٍ
शदीद
and they entered
فَجَاسُوا۟
तो वो घुस गए
the inner most part
خِلَٰلَ
अन्दर
(of) the homes
ٱلدِّيَارِۚ
शहरों/घरों के
and (it) was
وَكَانَ
और था वो
a promise
وَعْدًا
एक वादा
fulfilled
مَّفْعُولًا
होकर रहने वाला

Faitha jaa wa'du oolahuma ba'athna 'alaykum 'ibadan lana olee basin shadeedin fajasoo khilala alddiyari wakana wa'dan maf'oolan (al-ʾIsrāʾ 17:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब उन दोनों में से पहले वादे का मौक़ा आ गया तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में अपने ऐसे बन्दों को उठाया जो युद्ध में बड़े बलशाली थे। तो वे बस्तियों में घुसकर हर ओर फैल गए और यह वादा पूरा होना ही था

English Sahih:

So when the [time of] promise came for the first of them, We sent against you servants of Ours – those of great military might, and they probed [even] into the homes, and it was a promise fulfilled. ([17] Al-Isra : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जब उन दो फसादों में पहले का वक्त अा पहुँचा तो हमने तुम पर कुछ अपने बन्दों (नजतुलनस्र) और उसकी फौज को मुसल्लत (ग़ालिब) कर दिया जो बड़े सख्त लड़ने वाले थे तो वह लोग तुम्हारे घरों के अन्दर घुसे (और खूब क़त्ल व ग़ारत किया) और ख़ुदा के अज़ाब का वायदा जो पूरा होकर रहा