مَنْ كَانَ يُرِيْدُ الْعَاجِلَةَ عَجَّلْنَا لَهٗ فِيْهَا مَا نَشَاۤءُ لِمَنْ نُّرِيْدُ ثُمَّ جَعَلْنَا لَهٗ جَهَنَّمَۚ يَصْلٰىهَا مَذْمُوْمًا مَّدْحُوْرًا ( الإسراء: ١٨ )
Whoever
مَّن
जो कोई
should
كَانَ
है
desire
يُرِيدُ
चाहता
the immediate
ٱلْعَاجِلَةَ
जल्द मिलने वाली चीज़ को
We hasten
عَجَّلْنَا
जल्द देते हैं हम
for him
لَهُۥ
उसे
in it
فِيهَا
उसमें
what
مَا
जो
We will
نَشَآءُ
हम चाहते हैं
to whom
لِمَن
जिसके लिए
We intend
نُّرِيدُ
हम चाहते हैं
Then
ثُمَّ
फिर
We have made
جَعَلْنَا
बना देते हैं हम
for him
لَهُۥ
उसके लिए
Hell
جَهَنَّمَ
जहन्नम को
he will burn
يَصْلَىٰهَا
वो जलेगा उसमें
disgraced
مَذْمُومًا
मज़म्मत किया हुआ
rejected
مَّدْحُورًا
रहमत से दूर किया हुआ
Man kana yureedu al'ajilata 'ajjalna lahu feeha ma nashao liman nureedu thumma ja'alna lahu jahannama yaslaha mathmooman madhooran (al-ʾIsrāʾ 17:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो कोई शीघ्र प्राप्त, होनेवाली को चाहता है उसके लिए हम उसी में जो कुछ किसी के लिए चाहते है शीघ्र प्रदान कर देते है। फिर उसके लिए हमने जहन्नम तैयार कर रखा है जिसमें वह अपयशग्रस्त और ठुकराया हुआ प्रवेश करेगा
English Sahih:
Whoever should desire the immediate – We hasten for him from it what We will to whom We intend. Then We have made for him Hell, which he will [enter to] burn, censured and banished. ([17] Al-Isra : 18)