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وَكُلَّ اِنْسَانٍ اَلْزَمْنٰهُ طٰۤىِٕرَهٗ فِيْ عُنُقِهٖۗ وَنُخْرِجُ لَهٗ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ كِتٰبًا يَّلْقٰىهُ مَنْشُوْرًا  ( الإسراء: ١٣ )

And (for) every
وَكُلَّ
और हर
man
إِنسَٰنٍ
इन्सान को
We have fastened to him
أَلْزَمْنَٰهُ
लाज़िम कर दिया हमने उसको
his fate
طَٰٓئِرَهُۥ
शगून उसका
in
فِى
उसकी गर्दन में
his neck
عُنُقِهِۦۖ
उसकी गर्दन में
and We will bring forth
وَنُخْرِجُ
और हम निकालेंगे
for him
لَهُۥ
उसके लिए
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
a record
كِتَٰبًا
एक किताब
which he will find
يَلْقَىٰهُ
वो पाएगा उसे
wide open
مَنشُورًا
नशर किया हुआ/खुला हुआ

Wakulla insanin alzamnahu tairahu fee 'unuqihi wanukhriju lahu yawma alqiyamati kitaban yalqahu manshooran (al-ʾIsrāʾ 17:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा

English Sahih:

And [for] every person We have imposed his fate upon his neck, and We will produce for him on the Day of Resurrection a record which he will encounter spread open. ([17] Al-Isra : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने हर आदमी के नामए अमल को उसके गले का हार बना दिया है (कि उसकी किस्मत उसके साथ रहे) और क़यामत के दिन हम उसे उसके सामने निकल के रख देगें कि वह उसको एक खुली हुई किताब अपने रुबरु पाएगा