وَيَدْعُ الْاِنْسَانُ بِالشَّرِّ دُعَاۤءَهٗ بِالْخَيْرِۗ وَكَانَ الْاِنْسَانُ عَجُوْلًا ( الإسراء: ١١ )
And prays
وَيَدْعُ
और दुआ करता है
the man
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
for evil
بِٱلشَّرِّ
शर/बुराई की
(as) he prays
دُعَآءَهُۥ
(जैसा) दुआ करना उसका
for the good
بِٱلْخَيْرِۖ
ख़ैर/भलाई की
And is
وَكَانَ
और है
the man
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
ever hasty
عَجُولًا
बहुत जल्द बाज़
Wayad'u alinsanu bialshsharri du'aahu bialkhayri wakana alinsanu 'ajoolan (al-ʾIsrāʾ 17:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला!
English Sahih:
And man supplicates for evil [when angry] as he supplicates for good, and man is ever hasty. ([17] Al-Isra : 11)