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فَاِذَا قَرَأْتَ الْقُرْاٰنَ فَاسْتَعِذْ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطٰنِ الرَّجِيْمِ   ( النحل: ٩٨ )

So when
فَإِذَا
फिर जब
you recite
قَرَأْتَ
पढ़ें आप
the Quran
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन को
seek refuge
فَٱسْتَعِذْ
तो पनाह माँगिए
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह की
from
مِنَ
शैतान से
the Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنِ
शैतान से
the accursed
ٱلرَّجِيمِ
जो मरदूद है

Faitha qarata alqurana faista'ith biAllahi mina alshshaytani alrrajeemi (an-Naḥl 16:98)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः जब तुम क़ुरआन पढ़ने लगो तो फिटकारे हुए शैतान से बचने के लिए अल्लाह की पनाह माँग लिया करो

English Sahih:

So when you recite the Quran, [first] seek refuge in Allah from Satan, the expelled [from His mercy]. ([16] An-Nahl : 98)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब तुम क़ुरान पढ़ने लगो तो शैतान मरदूद (के वसवसो) से ख़ुदा की पनाह तलब कर लिया करो