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۞ اِنَّ اللّٰهَ يَأْمُرُ بِالْعَدْلِ وَالْاِحْسَانِ وَاِيْتَاۤئِ ذِى الْقُرْبٰى وَيَنْهٰى عَنِ الْفَحْشَاۤءِ وَالْمُنْكَرِ وَالْبَغْيِ يَعِظُكُمْ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ   ( النحل: ٩٠ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
commands
يَأْمُرُ
हुक्म देता है
justice
بِٱلْعَدْلِ
अदल का
and the good
وَٱلْإِحْسَٰنِ
और एहसान का
and giving
وَإِيتَآئِ
और देने का
(to) relatives
ذِى
कराबतदारों को
(to) relatives
ٱلْقُرْبَىٰ
कराबतदारों को
and forbids
وَيَنْهَىٰ
और वो रोकता है
[from]
عَنِ
बेहयाई से
the immorality
ٱلْفَحْشَآءِ
बेहयाई से
and the bad
وَٱلْمُنكَرِ
और बुराई से
and the oppression
وَٱلْبَغْىِۚ
और ज़्यादती से
He admonishes you
يَعِظُكُمْ
वो नसीहत करता है तुम्हें
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
take heed
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ो

Inna Allaha yamuru bial'adli waalihsani waeetai thee alqurba wayanha 'ani alfahshai waalmunkari waalbaghyi ya'ithukum la'allakum tathakkaroona (an-Naḥl 16:90)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही अल्लाह न्याय का और भलाई का और नातेदारों को (उनके हक़) देने का आदेश देता है और अश्लीलता, बुराई और सरकशी से रोकता है। वह तुम्हें नसीहत करता है, ताकि तुम ध्यान दो

English Sahih:

Indeed, Allah orders justice and good conduct and giving [help] to relatives and forbids immorality and bad conduct and oppression. He admonishes you that perhaps you will be reminded. ([16] An-Nahl : 90)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा इन्साफ और (लोगों के साथ) नेकी करने और क़राबतदारों को (कुछ) देने का हुक्म करता है और बदकारी और नाशाएस्ता हरकतों और सरकशी करने को मना करता है (और) तुम्हें नसीहत करता है ताकि तुम नसीहत हासिल करो