Skip to main content

اَلَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ زِدْنٰهُمْ عَذَابًا فَوْقَ الْعَذَابِ بِمَا كَانُوْا يُفْسِدُوْنَ   ( النحل: ٨٨ )

And those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and hindered
وَصَدُّوا۟
और रोका
from
عَن
अल्लाह के रास्ते से
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
We will increase them
زِدْنَٰهُمْ
ज़्यादा देंगे हम उन्हें
(in) punishment
عَذَابًا
अज़ाब
over
فَوْقَ
ऊपर अज़ाब के
punishment
ٱلْعَذَابِ
ऊपर अज़ाब के
because
بِمَا
बवजह उसके जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
spread corruption
يُفْسِدُونَ
वो फ़साद करते

Allatheena kafaroo wasaddoo 'an sabeeli Allahi zidnahum 'athaban fawqa al'athabi bima kanoo yufsidoona (an-Naḥl 16:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिन लोगों ने इनकार किया और अल्लाह के मार्ग से रोका उनके लिए हम यातना पर यातना बढ़ाते रहेंगे, उस बिगाड़ के बदले में जो वे पैदा करते रहे

English Sahih:

Those who disbelieved and averted [others] from the way of Allah – We will increase them in punishment over [their] punishment for what corruption they were causing. ([16] An-Nahl : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया और लोगों को ख़ुदा की राह से रोका उनके फ़साद वाले कामों के बदले में उनके लिए हम अज़ाब पर अज़ाब बढ़ाते जाएँगें