وَاللّٰهُ جَعَلَ لَكُمْ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ اَزْوَاجًا وَّجَعَلَ لَكُمْ مِّنْ اَزْوَاجِكُمْ بَنِيْنَ وَحَفَدَةً وَّرَزَقَكُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِۗ اَفَبِالْبَاطِلِ يُؤْمِنُوْنَ وَبِنِعْمَتِ اللّٰهِ هُمْ يَكْفُرُوْنَۙ ( النحل: ٧٢ )
WaAllahu ja'ala lakum min anfusikum azwajan waja'ala lakum min azwajikum baneena wahafadatan warazaqakum mina alttayyibati afabialbatili yuminoona wabini'mati Allahi hum yakfuroona (an-Naḥl 16:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह ही ने तुम्हारे लिए तुम्हारी सहजाति पत्नियों बनाई और तुम्हारी पत्नियों से तुम्हारे लिए पुत्र और पौत्र पैदा किए और तुम्हे अच्छी पाक चीज़ों की रोज़ी प्रदान की; तो क्या वे मिथ्या को मानते है और अल्लाह के अनुग्रह ही का उन्हें इनकार है?
English Sahih:
And Allah has made for you from yourselves mates and has made for you from your mates sons and grandchildren and has provided for you from the good things. Then in falsehood do they believe and in the favor of Allah they disbelieve? ([16] An-Nahl : 72)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ख़ुदा ही ने तुम्हारे लिए बीबियाँ तुम ही में से बनाई और उसी ने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी बीवियों से बेटे और पोते पैदा किए और तुम्हें पाक व पाकीज़ा रोज़ी खाने को दी तो क्या ये लोग बिल्कुल बातिल (सुल्तान बुत वग़ैरह) पर ईमान रखते हैं और ख़ुदा की नेअमत (वहदानियत वग़ैरह से) इन्कार करते हैं