Skip to main content

وَاَوْحٰى رَبُّكَ اِلَى النَّحْلِ اَنِ اتَّخِذِيْ مِنَ الْجِبَالِ بُيُوْتًا وَّمِنَ الشَّجَرِ وَمِمَّا يَعْرِشُوْنَۙ  ( النحل: ٦٨ )

And inspired
وَأَوْحَىٰ
और वही की
your Lord
رَبُّكَ
आपके रब ने
to
إِلَى
तरफ़ शहद की मक्खी के
the bee
ٱلنَّحْلِ
तरफ़ शहद की मक्खी के
[that]
أَنِ
कि
"Take
ٱتَّخِذِى
तू बनाले
among
مِنَ
पहाड़ों में से
the mountains
ٱلْجِبَالِ
पहाड़ों में से
houses
بُيُوتًا
घर
and among
وَمِنَ
और दरख़्तों में से
the trees
ٱلشَّجَرِ
और दरख़्तों में से
and in what
وَمِمَّا
और उसमें से जो
they construct
يَعْرِشُونَ
वो ऊपर चढ़ाते हैं

Waawha rabbuka ila alnnahli ani ittakhithee mina aljibali buyootan wamina alshshajari wamimma ya'rishoona (an-Naḥl 16:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और तुम्हारे रब ने मुधमक्खी के जी में यह बात डाल दी कि 'पहाड़ों में और वृक्षों में और लोगों के बनाए हुए छत्रों में घर बना

English Sahih:

And your Lord inspired to the bee, "Take for yourself among the mountains, houses [i.e., hives], and among the trees and [in] that which they construct. ([16] An-Nahl : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार ने शहद की मक्खियों के दिल में ये बात डाली कि तू पहाड़ों और दरख्तों और ऊँची ऊँची ट्ट्टियाँ (और मकानात पाट कर) बनाते हैं