وَلَكُمْ فِيْهَا جَمَالٌ حِيْنَ تُرِيْحُوْنَ وَحِيْنَ تَسْرَحُوْنَۖ ( النحل: ٦ )
And for you
وَلَكُمْ
और तुम्हारे लिए
in them
فِيهَا
उनमें
(is) beauty
جَمَالٌ
ख़ूब सूरती है
when
حِينَ
जिस वक़्त
you bring them in
تُرِيحُونَ
तुम शाम को चरा कर लाते हो
and when
وَحِينَ
और जिस वक़्त
you take them out
تَسْرَحُونَ
तुम सुबह चराने जाते हो
Walakum feeha jamalun heena tureehoona waheena tasrahoona (an-Naḥl 16:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनमें तुम्हारे लिए सौन्दर्य भी है, जबकि तुम सायंकाल उन्हें लाते और जबकि तुम उन्हें चराने ले जाते हो
English Sahih:
And for you in them is [the enjoyment of] beauty when you bring them in [for the evening] and when you send them out [to pasture]. ([16] An-Nahl : 6)