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بِالْبَيِّنٰتِ وَالزُّبُرِۗ وَاَنْزَلْنَآ اِلَيْكَ الذِّكْرَ لِتُبَيِّنَ لِلنَّاسِ مَا نُزِّلَ اِلَيْهِمْ وَلَعَلَّهُمْ يَتَفَكَّرُوْنَ   ( النحل: ٤٤ )

With the clear proofs
بِٱلْبَيِّنَٰتِ
साथ वाज़ेह दलाइल
and the Books
وَٱلزُّبُرِۗ
और सहीफ़ों के
And We sent down
وَأَنزَلْنَآ
और नाज़िल किया हमने
to you
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
the Remembrance
ٱلذِّكْرَ
ज़िक्र को
that you may make clear
لِتُبَيِّنَ
ताकि आप वाज़ेह करें
to the mankind
لِلنَّاسِ
लोंगों के लिए
what
مَا
जो कुछ
has been sent down
نُزِّلَ
नाज़िल किया गया
to them
إِلَيْهِمْ
तरफ़ उनके
and that they may
وَلَعَلَّهُمْ
और ताकि वो
reflect
يَتَفَكَّرُونَ
वो ग़ौरो फ़िक्र करें

Bialbayyinati waalzzuburi waanzalna ilayka alththikra litubayyina lilnnasi ma nuzzila ilayhim wala'allahum yatafakkaroona (an-Naḥl 16:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

स्पष्ट प्रमाणों और ज़बूरों (किताबों) के साथ। और अब यह अनुस्मृति तुम्हारी ओर हमने अवतरित की, ताकि तुम लोगों के समक्ष खोल-खोलकर बयान कर दो जो कुछ उनकी ओर उतारा गया है और ताकि वे सोच-विचार करें

English Sahih:

[We sent them] with clear proofs and written ordinances. And We revealed to you the message [i.e., the Quran] that you may make clear to the people what was sent down to them and that they might give thought. ([16] An-Nahl : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तुम्हारे पास क़ुरान नाज़िल किया है ताकि जो एहकाम लोगों के लिए नाज़िल किए गए है तुम उनसे साफ साफ बयान कर दो ताकि वह लोग खुद से कुछ ग़ौर फिक्र करें