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اِنْ تَحْرِصْ عَلٰى هُدٰىهُمْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِيْ مَنْ يُّضِلُّ وَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِيْنَ   ( النحل: ٣٧ )

If
إِن
अगर
you desire
تَحْرِصْ
आप हरीस हैं
[for]
عَلَىٰ
उनकी हिदायत पर
their guidance
هُدَىٰهُمْ
उनकी हिदायत पर
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(will) not
لَا
नहीं हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं हिदायत देता
whom
مَن
उसको जिसे
He lets go astray
يُضِلُّۖ
वो गुमराह करता है
and not (are)
وَمَا
और नहीं
for them
لَهُم
उनके लिए
any
مِّن
मददगारों में से कोई
helpers
نَّٰصِرِينَ
मददगारों में से कोई

In tahris 'ala hudahum fainna Allaha la yahdee man yudillu wama lahum min nasireena (an-Naḥl 16:37)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यद्यपि इस बात का कि वे राह पर आ जाएँ तुम्हें लालच ही क्यों न हो, किन्तु अल्लाह जिसे भटका देता है, उसे वह मार्ग नहीं दिखाया करता और ऐसे लोगों का कोई सहायक भी नहीं होता

English Sahih:

[Even] if you should strive for their guidance, [O Muhammad], indeed, Allah does not guide those He sends astray, and they will have no helpers. ([16] An-Nahl : 37)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) अगर तुमको इन लोगों के राहे रास्त पर जाने का हौका है (तो बे फायदा) क्योंकि ख़ुदा तो हरगिज़ उस शख़्श की हिदायत नहीं करेगा जिसको (नाज़िल होने की वजह से) गुमराही में छोड़ देता है और न उनका कोई मददगार है