وَلَقَدْ بَعَثْنَا فِيْ كُلِّ اُمَّةٍ رَّسُوْلًا اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ وَاجْتَنِبُوا الطَّاغُوْتَۚ فَمِنْهُمْ مَّنْ هَدَى اللّٰهُ وَمِنْهُمْ مَّنْ حَقَّتْ عَلَيْهِ الضَّلٰلَةُ ۗ فَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِيْنَ ( النحل: ٣٦ )
Walaqad ba'athna fee kulli ommatin rasoolan ani o'budoo Allaha waijtaniboo alttaghoota faminhum man hada Allahu waminhum man haqqat 'alayhi alddalalatu faseeroo fee alardi faonthuroo kayfa kana 'aqibatu almukaththibeena (an-Naḥl 16:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने हर समुदाय में कोई न कोई रसूल भेजा कि 'अल्लाह की बन्दगी करो और ताग़ूत से बचो।' फिर उनमें से किसी को तो अल्लाह ने सीधे मार्ग पर लगाया और उनमें से किसी पर पथभ्रष्ट सिद्ध होकर रही। फिर तनिक धरती में चल-फिरकर तो देखो कि झुठलानेवालों का कैसा परिणाम हुआ
English Sahih:
And We certainly sent into every nation a messenger, [saying], "Worship Allah and avoid Taghut." And among them were those whom Allah guided, and among them were those upon whom error was [deservedly] decreed. So proceed [i.e., travel] through the earth and observe how was the end of the deniers. ([16] An-Nahl : 36)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हमने तो हर उम्मत में एक (न एक) रसूल इस बात के लिए ज़रुर भेजा कि लोगों ख़ुदा की इबादत करो और बुतों (की इबादत) से बचे रहो ग़रज़ उनमें से बाज़ की तो ख़ुदा ने हिदायत की और बाज़ के (सर) पर गुमराही सवार हो गई तो ज़रा तुम लोग रुए ज़मीन पर चल फिर कर देखो तो कि (पैग़म्बराने ख़ुदा के) झुठलाने वालों को क्या अन्जाम हुआ