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فَاَصَابَهُمْ سَيِّاٰتُ مَا عَمِلُوْا وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ   ( النحل: ٣٤ )

Then struck them
فَأَصَابَهُمْ
तो पहुँची उन्हें
(the) evil (results)
سَيِّـَٔاتُ
बुराईयाँ
(of) what
مَا
उसकी जो
they did
عَمِلُوا۟
उन्होंने अमल किए थे
and surrounded
وَحَاقَ
घेर लिया
them
بِهِم
उन्हें
what
مَّا
जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
[of it]
بِهِۦ
जिसका
mock
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Faasabahum sayyiatu ma 'amiloo wahaqa bihim ma kanoo bihi yastahzioona (an-Naḥl 16:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अन्ततः उनकी करतूतों की बुराइयाँ उनपर आ पड़ी, और जिसका उपहास वे कहते थे, उसी ने उन्हें आ घेरा

English Sahih:

So they were struck by the evil consequences of what they did and were enveloped by what they used to ridicule. ([16] An-Nahl : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जो जो करतूतें उनकी थी उसकी सज़ा में बुरे नतीजे उनको मिले और जिस (अज़ाब) की वह हँसी उड़ाया करते थे उसने उन्हें (चारो तरफ से) घेर लिया