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اَمْوَاتٌ غَيْرُ اَحْيَاۤءٍ ۗوَمَا يَشْعُرُوْنَۙ اَيَّانَ يُبْعَثُوْنَ ࣖ   ( النحل: ٢١ )

(They are) dead
أَمْوَٰتٌ
मुर्दे हैं
not alive
غَيْرُ
ज़िन्दा नहीं हैं
not alive
أَحْيَآءٍۖ
ज़िन्दा नहीं हैं
And not
وَمَا
और नहीं
they perceive
يَشْعُرُونَ
वो शऊर रखते
when
أَيَّانَ
कि कब
they will be resurrected
يُبْعَثُونَ
वो उठाए जाऐंगे

Amwatun ghayru ahyain wama yash'uroona ayyana yub'athoona (an-Naḥl 16:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

मृत है, जिनमें प्राण नहीं। उन्हें मालूम नहीं कि वे कब उठाए जाएँगे

English Sahih:

They are [in fact] dead, not alive, and they do not perceive when they will be resurrected. ([16] An-Nahl : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(बल्कि) वह ख़ुद दूसरों के बनाए हुए मुर्दे बेजान हैं और इतनी भी ख़बर नहीं कि कब (क़यामत) होगी और कब मुर्दे उठाए जाएगें