Skip to main content

وَنَزَعْنَا مَا فِيْ صُدُوْرِهِمْ مِّنْ غِلٍّ اِخْوَانًا عَلٰى سُرُرٍ مُّتَقٰبِلِيْنَ   ( الحجر: ٤٧ )

And We (will) remove
وَنَزَعْنَا
और निकाल देंगे हम
what
مَا
जो भी
(is) in
فِى
उनके सीनों में है
their breasts
صُدُورِهِم
उनके सीनों में है
of
مِّنْ
कोई कीना
rancor
غِلٍّ
कोई कीना
(they will be) brothers
إِخْوَٰنًا
भाई-भाई बनकर
on
عَلَىٰ
तख़्तों पर
thrones
سُرُرٍ
तख़्तों पर
facing each other
مُّتَقَٰبِلِينَ
आमने-सामने (होंगे)

Wanaza'na ma fee sudoorihim min ghillin ikhwanan 'ala sururin mutaqabileena (al-Ḥijr 15:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके सीनों में जो मन-मुटाव होगा उसे हम दूर कर देंगे। वे भाई-भाई बनकर आमने-सामने तख़्तों पर होंगे

English Sahih:

And We will remove whatever is in their breasts of resentment, [so they will be] brothers, on thrones facing each other. ([15] Al-Hijr : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (दुनिया की तकलीफों से) जो कुछ उनके दिल में रंज था उसको भी हम निकाल देगें और ये बाहम एक दूसरे के आमने सामने तख्तों पर इस तरह बैठे होगें जैसे भाई भाई