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وَاِنْ مِّنْ شَيْءٍ اِلَّا عِنْدَنَا خَزَاۤىِٕنُهٗ وَمَا نُنَزِّلُهٗٓ اِلَّا بِقَدَرٍ مَّعْلُوْمٍ   ( الحجر: ٢١ )

And not
وَإِن
और नहीं
(is) any
مِّن
कोई चीज़
thing
شَىْءٍ
कोई चीज़
but
إِلَّا
मगर
with Us
عِندَنَا
हमारे पास
(are) its treasures
خَزَآئِنُهُۥ
ख़ज़ाने हैं उसके
and not
وَمَا
और नहीं
We send it down
نُنَزِّلُهُۥٓ
हम उतारते उसे
except
إِلَّا
मगर
in a measure
بِقَدَرٍ
साथ अंदाज़े
known
مَّعْلُومٍ
मालूम के

Wain min shayin illa 'indana khazainuhu wama nunazziluhu illa biqadarin ma'loomin (al-Ḥijr 15:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कोई भी चीज़ तो ऐसी नहीं है जिसके भंडार हमारे पास न हों, फिर भी हम उसे एक ज्ञात (निश्चिंत) मात्रा के साथ उतारते है

English Sahih:

And there is not a thing but that with Us are its depositories, and We do not send it down except according to a known [i.e., specified] measure. ([15] Al-Hijr : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमारे यहाँ तो हर चीज़ के बेशुमार खज़ाने (भरे) पड़े हैं और हम (उसमें से) एक जची तली मिक़दार भेजते रहते है