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وَاِذْ تَاَذَّنَ رَبُّكُمْ لَىِٕنْ شَكَرْتُمْ لَاَزِيْدَنَّكُمْ وَلَىِٕنْ كَفَرْتُمْ اِنَّ عَذَابِيْ لَشَدِيْدٌ   ( ابراهيم: ٧ )

And when
وَإِذْ
और जब
proclaimed
تَأَذَّنَ
आगाह कर दिया
your Lord
رَبُّكُمْ
तुम्हारे रब ने
"If
لَئِن
अलबत्ता अगर
you are thankful
شَكَرْتُمْ
शुक्र किया तुमने
surely I will increase you;
لَأَزِيدَنَّكُمْۖ
अलबत्ता मैं ज़रूर ज़्यादा दूँगा तुम्हें
but if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
you are ungrateful
كَفَرْتُمْ
नाशुक्री की तुमने
indeed
إِنَّ
बेशक
My punishment
عَذَابِى
अज़ाब मेरा
(is) surely severe"
لَشَدِيدٌ
अलबत्ता सख़्त है

Waith taaththana rabbukum lain shakartum laazeedannakum walain kafartum inna 'athabee lashadeedun (ʾIbrāhīm 14:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब तुम्हारे रब ने सचेत कर दिया था कि 'यदि तुम कृतज्ञ हुए तो मैं तुम्हें और अधिक दूँगा, परन्तु यदि तुम अकृतज्ञ सिद्ध हुए तो निश्चय ही मेरी यातना भी अत्यन्त कठोर है।'

English Sahih:

And [remember] when your Lord proclaimed, 'If you are grateful, I will surely increase you [in favor]; but if you deny, indeed, My punishment is severe.'" ([14] Ibrahim : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (वह वक्त याद दिलाओ) जब तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हें जता दिया कि अगर (मेरा) शुक्र करोगें तो मै यक़ीनन तुम पर (नेअमत की) ज्यादती करुँगा और अगर कहीं तुमने नाशुक्री की तो (याद रखो कि) यक़ीनन मेरा अज़ाब सख्त है