وَّسَكَنْتُمْ فِيْ مَسٰكِنِ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْٓا اَنْفُسَهُمْ وَتَبَيَّنَ لَكُمْ كَيْفَ فَعَلْنَا بِهِمْ وَضَرَبْنَا لَكُمُ الْاَمْثَالَ ( ابراهيم: ٤٥ )
Wasakantum fee masakini allatheena thalamoo anfusahum watabayyana lakum kayfa fa'alna bihim wadarabna lakumu alamthala (ʾIbrāhīm 14:45)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम लोगों की बस्तियों में रह-बस चुके थे, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किया था और तुमपर अच्छी तरह स्पष्ट हो चुका था कि उनके साथ हमने कैसा मामला किया और हमने तुम्हारे लिए कितनी ही मिशालें बयान की थी।'
English Sahih:
And you lived among the dwellings of those who wronged themselves, and it had become clear to you how We dealt with them. And We presented for you [many] examples." ([14] Ibrahim : 45)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(और क्या तुम वह लोग नहीं कि) जिन लोगों ने (हमारी नाफ़रमानी करके) आप अपने ऊपर जुल्म किया उन्हीं के घरों में तुम भी रहे हालॉकि तुम पर ये भी ज़ाहिर हो चुका था कि हमने उनके साथ क्या (बरताओ) किया और हमने (तुम्हारे समझाने के वास्ते) मसले भी बयान कर दी थीं