وَسَخَّرَ لَكُمُ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ دَاۤىِٕبَيْنِۚ وَسَخَّرَ لَكُمُ الَّيْلَ وَالنَّهَارَ ۚ ( ابراهيم: ٣٣ )
And He subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्ख़र किया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the sun
ٱلشَّمْسَ
सूरज
and the moon
وَٱلْقَمَرَ
और चाँद को
both constantly pursuing their courses
دَآئِبَيْنِۖ
लगातार चलने वाले
and subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्ख़र किया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the night
ٱلَّيْلَ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
Wasakhkhara lakumu alshshamsa waalqamara daibayni wasakhkhara lakumu allayla waalnnahara (ʾIbrāhīm 14:33)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और सूर्य और चन्द्रमा को तुम्हारे लिए कार्यरत किया और एक नियत विधान के अधीन निरंतर गतिशील है। और रात औऱ दिन को भी तुम्हें लाभ पहुँचाने में लगा रखा है
English Sahih:
And He subjected for you the sun and the moon, continuous [in orbit], and subjected for you the night and the day. ([14] Ibrahim : 33)