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يَّتَجَرَّعُهٗ وَلَا يَكَادُ يُسِيْغُهٗ وَيَأْتِيْهِ الْمَوْتُ مِنْ كُلِّ مَكَانٍ وَّمَا هُوَ بِمَيِّتٍۗ وَمِنْ وَّرَاۤىِٕهٖ عَذَابٌ غَلِيْظٌ   ( ابراهيم: ١٧ )

He will sip it
يَتَجَرَّعُهُۥ
वो घूँट-घूँट पियेगा उसे
but not
وَلَا
और नहीं
he will be near
يَكَادُ
वो क़रीब होगा
(to) swallowing it
يُسِيغُهُۥ
कि वो निगल सके उसे
And will come to him
وَيَأْتِيهِ
और आएगी उसके पास
the death
ٱلْمَوْتُ
मौत
from
مِن
हर जगह से
every
كُلِّ
हर जगह से
side
مَكَانٍ
हर जगह से
but not
وَمَا
और नहीं (होगा)
he
هُوَ
वो
will die
بِمَيِّتٍۖ
मरने वाला
And ahead of him
وَمِن
और उसके आगे
And ahead of him
وَرَآئِهِۦ
और उसके आगे
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
harsh
غَلِيظٌ
सख़्त

Yatajarra'uhu wala yakadu yuseeghuhu wayateehi almawtu min kulli makanin wama huwa bimayyitin wamin waraihi 'athabun ghaleethun (ʾIbrāhīm 14:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिसे वह कठिनाई से घूँट-घूँट करके पिएगा और ऐसा नहीं लगेगा कि वह आसानी से उसे उतार सकता है, और मृत्यु उसपर हर ओर से चली आती होगी, फिर भी वह मरेगा नहीं। और उसके सामने कठोर यातना होगी

English Sahih:

He will gulp it but will hardly [be able to] swallow it. And death will come to him from everywhere, but he is not to die. And before him is a massive punishment. ([14] Ibrahim : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ज़बरदस्ती) उसे घूँट घँट करके पीना पड़ेगा और उसे हलक़ से आसानी से न उतार सकेगा और (वह मुसीबत है कि) उसे हर तरफ से मौत ही मौत आती दिखाई देती है हालॉकि वह मारे न मर सकेगा-और फिर उसके पीछे अज़ाब सख्त होगा