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اَوَلَمْ يَرَوْا اَنَّا نَأْتِى الْاَرْضَ نَنْقُصُهَا مِنْ اَطْرَافِهَاۗ وَاللّٰهُ يَحْكُمُ لَا مُعَقِّبَ لِحُكْمِهٖۗ وَهُوَ سَرِيْعُ الْحِسَابِ   ( الرعد: ٤١ )

Did not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
they see
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
that We
أَنَّا
बेशक हम
come
نَأْتِى
हम आ रहे हैं
(to) the land
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
reducing it
نَنقُصُهَا
हम घटा रहे है उसे
from
مِنْ
उसके किनारों से
its borders?
أَطْرَافِهَاۚ
उसके किनारों से
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
judges;
يَحْكُمُ
फ़ैसला करता है
(there is) no
لَا
नहीं कोई पीछा करने वाला
adjuster
مُعَقِّبَ
नहीं कोई पीछा करने वाला
(of) His Judgment
لِحُكْمِهِۦۚ
उसके फ़ैसले का
And He
وَهُوَ
और वो
(is) Swift
سَرِيعُ
जल्द लेने वाला है
(in) the reckoning
ٱلْحِسَابِ
हिसाब

Awalam yaraw anna natee alarda nanqusuha min atrafiha waAllahu yahkumu la mu'aqqiba lihukmihi wahuwa saree'u alhisabi (ar-Raʿd 13:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या उन्होंने देखा नहीं कि हम धरती पर चले आ रहे है, उसे उसके किनारों से घटाते हुए? अल्लाह ही फ़ैसला करता है। कोई नहीं जो उसके फ़ैसले को पीछे डाल सके। वह हिसाब भी जल्द लेता है

English Sahih:

Have they not seen that We set upon the land, reducing it from its borders? And Allah decides; there is no adjuster of His decision. And He is swift in account. ([13] Ar-Ra'd : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उनसे हिसाब लेना हमारा काम है क्या उन लोगों ने ये बात न देखी कि हम ज़मीन को (फ़ुतुहाते इस्लाम से) उसके तमाम एतराफ (चारो ओर) से (सवाह कुफ्र में) घटाते चले आते हैं और ख़ुदा जो चाहता है हुक्म देता है उसके हुक्म का कोई टालने वाला नहीं और बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है