اَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَسَالَتْ اَوْدِيَةٌ ۢ بِقَدَرِهَا فَاحْتَمَلَ السَّيْلُ زَبَدًا رَّابِيًا ۗوَمِمَّا يُوْقِدُوْنَ عَلَيْهِ فِى النَّارِ ابْتِغَاۤءَ حِلْيَةٍ اَوْ مَتَاعٍ زَبَدٌ مِّثْلُهٗ ۗ كَذٰلِكَ يَضْرِبُ اللّٰهُ الْحَقَّ وَالْبَاطِلَ ەۗ فَاَمَّا الزَّبَدُ فَيَذْهَبُ جُفَاۤءً ۚوَاَمَّا مَا يَنْفَعُ النَّاسَ فَيَمْكُثُ فِى الْاَرْضِۗ كَذٰلِكَ يَضْرِبُ اللّٰهُ الْاَمْثَالَ ۗ ( الرعد: ١٧ )
Anzala mina alssamai maan fasalat awdiyatun biqadariha faihtamala alssaylu zabadan rabiyan wamimma yooqidoona 'alayhi fee alnnari ibtighaa hilyatin aw mata'in zabadun mithluhu kathalika yadribu Allahu alhaqqa waalbatila faamma alzzabadu fayathhabu jufaan waamma ma yanfa'u alnnasa fayamkuthu fee alardi kathalika yadribu Allahu alamthala (ar-Raʿd 13:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने आकाश से पानी उतारा तो नदी-नाले अपनी-अपनी समाई के अनुसार बह निकले। फिर पानी के बहाव ने उभरे हुए झाग को उठा लिया और उसमें से भी, जिसे वे ज़ेवर या दूसरे सामान बनाने के लिए आग में तपाते हैं, ऐसा ही झाग उठता है। इस प्रकार अल्लाह सत्य और असत्य की मिसाल बयान करता है। फिर जो झाग है वह तो सूखकर नष्ट हो जाता है और जो कुछ लोगों को लाभ पहुँचानेवाला होता है, वह धरती में ठहर जाता है। इसी प्रकार अल्लाह दृष्टांत प्रस्तुत करता है
English Sahih:
He sends down from the sky, rain, and valleys flow according to their capacity, and the torrent carries a rising foam. And from that [ore] which they heat in the fire, desiring adornments and utensils, is a foam like it. Thus Allah presents [the example of] truth and falsehood. As for the foam, it vanishes, [being] cast off; but as for that which benefits the people, it remains on the earth. Thus does Allah present examples. ([13] Ar-Ra'd : 17)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
उसी ने आसमान से पानी बरसाया फिर अपने अपने अन्दाज़े से नाले बह निकले फिर पानी के रेले पर (जोश खाकर) फूला हुआ झाग (फेन) आ गया और उस चीज़ (धातु) से भी जिसे ये लोग ज़ेवर या कोई असबाब बनाने की ग़रज़ से आग में तपाते हैं इसी तरह फेन आ जाता है (फिर अलग हो जाता है) युं ख़ुदा हक़ व बातिल की मसले बयान फरमाता है (कि पानी हक़ की मिसाल और फेन बातिल की) ग़रज़ फेन तो खुश्क होकर ग़ायब हो जाता है जिससे लोगों को नफा पहुँचता है (पानी) वह ज़मीन में ठहरा रहता है युं ख़ुदा (लोगों के समझाने के वास्ते) मसले बयान फरमाता है