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قَالَ اِنَّمَآ اَشْكُوْا بَثِّيْ وَحُزْنِيْٓ اِلَى اللّٰهِ وَاَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ  ( يوسف: ٨٦ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"Only
إِنَّمَآ
बेशक
I complain
أَشْكُوا۟
मैं शिकायत करता हूँ
(of) my suffering
بَثِّى
अपनी बेक़रारी की
and my grief
وَحُزْنِىٓ
और अपने ग़म की
to
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
Allah
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
and I know
وَأَعْلَمُ
और मैं जानता हूँ
from
مِنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
what
مَا
जो
not
لَا
नहीं तुम जानते
you know
تَعْلَمُونَ
नहीं तुम जानते

Qala innama ashkoo baththee wahuznee ila Allahi waa'lamu mina Allahi ma la ta'lamoona (Yūsuf 12:86)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'मैं तो अपनी परेशानी और अपने ग़म की शिकायत अल्लाह ही से करता हूँ और अल्लाह की ओर से जो मैं जानता हूँ, तुम नही जानते

English Sahih:

He said, "I only complain of my suffering and my grief to Allah, and I know from Allah that which you do not know. ([12] Yusuf : 86)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

याक़ूब ने कहा (मै तुमसे कुछ नहीं कहता) मैं तो अपनी बेक़रारी व रंज की शिकायत ख़ुदा ही से करता हूँ और ख़ुदा की तरफ से जो बातें मै जानता हूँ तुम नहीं जानते हो