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قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اَنْ نَّأْخُذَ اِلَّا مَنْ وَّجَدْنَا مَتَاعَنَا عِنْدَهٗٓ ۙاِنَّآ اِذًا لَّظٰلِمُوْنَ ࣖ  ( يوسف: ٧٩ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"Allah forbid
مَعَاذَ
पनाह
"Allah forbid
ٱللَّهِ
अल्लाह की
that
أَن
कि
we take
نَّأْخُذَ
हम पकड़ें
except
إِلَّا
मगर
(one) who
مَن
उसको
we found
وَجَدْنَا
पाया हमने
our possession
مَتَٰعَنَا
सामान अपना
with him
عِندَهُۥٓ
पास जिसके
Indeed, we
إِنَّآ
बेशक हम
then
إِذًا
तब
surely (would be) wrongdoers"
لَّظَٰلِمُونَ
अलबत्ता ज़ालिम होंगे

Qala ma'atha Allahi an nakhutha illa man wajadna mata'ana 'indahu inna ithan lathalimoona (Yūsuf 12:79)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'इस बात से अल्लाह पनाह में रखे कि जिसके पास हमने अपना माल पाया है, उसे छोड़कर हम किसी दूसरे को रखें। फिर तो हम अत्याचारी ठहगेंगे।'

English Sahih:

He said, "[I seek] the refuge of Allah [to prevent] that we take except him with whom we found our possession. Indeed, we would then be unjust." ([12] Yusuf : 79)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्योंकि हम आपको बहुत नेको कार बुर्जुग़ समझते हैं यूसुफ ने कहा माज़ अल्लाह (ये क्यों कर हो सकता है कि) हमने जिसकी पास अपनी चीज़ पाई है उसे छोड़कर दूसरे को पकड़ लें (अगर हम ऐसा करें) तो हम ज़रुर बड़े बेइन्साफ ठहरे