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قَالُوْا جَزَاۤؤُهٗ مَنْ وُّجِدَ فِيْ رَحْلِهٖ فَهُوَ جَزَاۤؤُهٗ ۗ كَذٰلِكَ نَجْزِى الظّٰلِمِيْنَ  ( يوسف: ٧٥ )

They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Its recompense
جَزَٰٓؤُهُۥ
बदला उसका
(is that one) who
مَن
वो है जो
it is found
وُجِدَ
वो पाया गया
in
فِى
उसके सामान में
his bag
رَحْلِهِۦ
उसके सामान में
then he
فَهُوَ
तो वो ही
(will be) his recompense
جَزَٰٓؤُهُۥۚ
बदला है उसका
Thus
كَذَٰلِكَ
इस तरह
(do) we recompense
نَجْزِى
हम बदला देते हैं
the wrongdoers"
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों को

Qaloo jazaohu man wujida fee rahlihi fahuwa jazaohu kathalika najzee alththalimeena (Yūsuf 12:75)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे बोले, 'उसका दंड यह है कि जिसके सामान में वह मिले वही उसका बदला ठहराया जाए। हम अत्याचारियों को ऐसा ही दंड देते है।'

English Sahih:

[The brothers] said, "Its recompense is that he in whose bag it is found – he [himself] will be its recompense. Thus do we recompense the wrongdoers." ([12] Yusuf : 75)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(वे धड़क) बोल उठे कि उसकी सज़ा ये है कि जिसके बोरे में वह (माल) निकले तो वही उसका बदला है (तो वह माल के बदले में ग़ुलाम बना लिया जाए)