قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ عَلِمْتُمْ مَّا جِئْنَا لِنُفْسِدَ فِى الْاَرْضِ وَمَا كُنَّا سَارِقِيْنَ ( يوسف: ٧٣ )
They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"By Allah
تَٱللَّهِ
क़सम अल्लाह की
certainly
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
you know
عَلِمْتُم
जान लिया तुमने
not
مَّا
नहीं
we came
جِئْنَا
आए थे हम
that we cause corruption
لِنُفْسِدَ
कि हम फ़साद करें
in
فِى
ज़मीन में
the land
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and not
وَمَا
और नहीं
we are
كُنَّا
हैं हम
thieves"
سَٰرِقِينَ
चोरी करने वाले
Qaloo taAllahi laqad 'alimtum ma jina linufsida fee alardi wama kunna sariqeena (Yūsuf 12:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे कहने लगे, 'अल्लाह की क़सम! तुम लोग जानते ही हो कि हम इस भू-भाग में बिगाड़ पैदा करने नहीं आए है और न हम चोर है।'
English Sahih:
They said, "By Allah, you have certainly known that we did not come to cause corruption in the land, and we have not been thieves." ([12] Yusuf : 73)