قَالَ لَنْ اُرْسِلَهٗ مَعَكُمْ حَتّٰى تُؤْتُوْنِ مَوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ لَتَأْتُنَّنِيْ بِهٖٓ اِلَّآ اَنْ يُّحَاطَ بِكُمْۚ فَلَمَّآ اٰتَوْهُ مَوْثِقَهُمْ قَالَ اللّٰهُ عَلٰى مَا نَقُوْلُ وَكِيْلٌ ( يوسف: ٦٦ )
Qala lan orsilahu ma'akum hatta tutooni mawthiqan mina Allahi latatunnanee bihi illa an yuhata bikum falamma atawhu mawthiqahum qala Allahu 'ala ma naqoolu wakeelun (Yūsuf 12:66)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मैं उसे तुम्हारे साथ कदापि नहीं भेज सकता। जब तक कि तुम अल्लाह को गवाह बनाकर मुझे पक्का वचन न दो कि तुम उसे मेरे पास अवश्य लाओगे, यह और बात है कि तुम घिर जाओ।' फिर जब उन्होंने उसे अपना वचन दे दिया तो उसने कहा, 'हम जो कुछ कर रहे है वह अल्लाह के हवाले है।'
English Sahih:
[Jacob] said, "Never will I send him with you until you give me a promise [i.e., oath] by Allah that you will bring him [back] to me, unless you should be surrounded [i.e., overcome by enemies]." And when they had given their promise, he said, "Allah, over what we say, is Entrusted." ([12] Yusuf : 66)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ये जो अबकी दफा लाए थे थोड़ा सा ग़ल्ला है याकूब ने कहा जब तक तुम लोग मेरे सामने खुदा से एहद न कर लोगे कि तुम उसको ज़रुर मुझ तक (सही व सालिम) ले आओगे मगर हाँ जब तुम खुद घिर जाओ तो मजबूरी है वरना मै तुम्हारे साथ हरगिज़ उसको न भेजूंगा फिर जब उन लोगों ने उनके सामने एहद कर लिया तो याक़ूब ने कहा कि हम लोग जो कह रहे हैं ख़ुदा उसका ज़ामिन है