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وَقَالَ لِلَّذِيْ ظَنَّ اَنَّهٗ نَاجٍ مِّنْهُمَا اذْكُرْنِيْ عِنْدَ رَبِّكَۖ فَاَنْسٰىهُ الشَّيْطٰنُ ذِكْرَ رَبِّهٖ فَلَبِثَ فِى السِّجْنِ بِضْعَ سِنِيْنَ ࣖ   ( يوسف: ٤٢ )

And he said
وَقَالَ
और कहा
to the one whom
لِلَّذِى
उसे जिसका
he thought
ظَنَّ
उसे यक़ीन था
that he
أَنَّهُۥ
कि बेशक वो
(would be) saved
نَاجٍ
निजात पाने वाला है
of both of them
مِّنْهُمَا
उन दोनों में से
"Mention me
ٱذْكُرْنِى
ज़िक्र करना मेरा
to
عِندَ
पास
your master"
رَبِّكَ
अपने आक़ा के
But made him forget
فَأَنسَىٰهُ
तो भुला दिया उसे
the Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान ने
(the) mention
ذِكْرَ
ज़िक्र करना
(to) his master
رَبِّهِۦ
अपने आक़ा से
so he remained
فَلَبِثَ
तो वो ठहरा रहा
in
فِى
क़ैद ख़ाने में
the prison
ٱلسِّجْنِ
क़ैद ख़ाने में
several
بِضْعَ
चन्द
years
سِنِينَ
साल

Waqala lillathee thanna annahu najin minhuma othkurnee 'inda rabbika faansahu alshshaytanu thikra rabbihi falabitha fee alssijni bid'a sineena (Yūsuf 12:42)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन दोनों में से जिसके विषय में उसने समझा था कि वह रिहा हो जाएगा, उससे कहा, 'अपने स्वामी से मेरी चर्चा करना।' किन्तु शैतान ने अपने स्वामी से उसकी चर्चा करना भुलवा दिया। अतः वह (यूसुफ़) कई वर्ष तक कारागार ही में रहा

English Sahih:

And he said to the one whom he knew would go free, "Mention me before your master." But Satan made him forget the mention [to] his master, and he [i.e., Joseph] remained in prison several years. ([12] Yusuf : 42)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन दोनों में से जिसकी निस्बत यूसुफ ने समझा था वह रिहा हो जाएगा उससे कहा कि अपने मालिक के पास मेरा भी तज़किरा करना (कि मैं बेजुर्म क़ैद हूँ) तो शैतान ने उसे अपने आक़ा से ज़िक्र करना भुला दिया तो यूसुफ क़ैद ख़ाने में कई बरस रहे