وَدَخَلَ مَعَهُ السِّجْنَ فَتَيٰنِ ۗقَالَ اَحَدُهُمَآ اِنِّيْٓ اَرٰىنِيْٓ اَعْصِرُ خَمْرًا ۚوَقَالَ الْاٰخَرُ اِنِّيْٓ اَرٰىنِيْٓ اَحْمِلُ فَوْقَ رَأْسِيْ خُبْزًا تَأْكُلُ الطَّيْرُ مِنْهُ ۗنَبِّئْنَا بِتَأْوِيْلِهٖ ۚاِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِيْنَ ( يوسف: ٣٦ )
Wadakhala ma'ahu alssijna fatayani qala ahaduhuma innee aranee a'siru khamran waqala alakharu innee aranee ahmilu fawqa rasee khubzan takulu alttayru minhu nabbina bitaweelihi inna naraka mina almuhsineena (Yūsuf 12:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कारागार में दो नव युवकों ने भी उसके साथ प्रवेश किया। उनमें से एक ने कहा, 'मैंने स्वप्न देखा है कि मैं शराब निचोड़ रहा हूँ।' दूसरे ने कहा, 'मैंने देखा कि मैं अपने सिर पर रोटियाँ उठाए हुए हूँ, जिनको पक्षी खा रहे है। हमें इसका अर्थ बता दीजिए। हमें तो आप बहुत ही नेक नज़र आते है।'
English Sahih:
And there entered the prison with him two young men. One of them said, "Indeed, I have seen myself [in a dream] pressing [grapes for] wine." The other said, "Indeed, I have seen myself carrying upon my head [some] bread, from which the birds were eating. Inform us of its interpretation; indeed, we see you to be of those who do good." ([12] Yusuf : 36)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
कि कुछ मियाद के लिए उनको क़ैद ही करे दें और यूसुफ के साथ और भी दो जवान आदमी (क़ैद ख़ाने) में दाख़िल हुए (चन्द दिन के बाद) उनमें से एक ने कहा कि मैने ख्वाब में देखा है कि मै (शराब बनाने के वास्ते अंगूर) निचोड़ रहा हूँ और दूसरे ने कहा (मै ने भी ख्वाब में) अपने को देखा कि मै अपने सर पर रोटिया उठाए हुए हूँ और चिड़ियाँ उसे खा रही हैं (यूसुफ) हमको उसकी ताबीर (मतलब) बताओ क्योंकि हम तुमको यक़ीनन नेकी कारों से समझते हैं