يُوْسُفُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا وَاسْتَغْفِرِيْ لِذَنْۢبِكِۖ اِنَّكِ كُنْتِ مِنَ الْخٰطِـِٕيْنَ ࣖ ( يوسف: ٢٩ )
Yusuf
يُوسُفُ
ऐ यूसुफ़
turn away
أَعْرِضْ
दरगुज़र करो
from
عَنْ
इससे
this
هَٰذَاۚ
इससे
And ask forgiveness
وَٱسْتَغْفِرِى
और तू बख़्शिश माँग
for your sin
لِذَنۢبِكِۖ
अपने गुनाह की
Indeed you
إِنَّكِ
बेशक तू
are
كُنتِ
है तू
of
مِنَ
ख़ताकारों में से
the sinful"
ٱلْخَاطِـِٔينَ
ख़ताकारों में से
Yoosufu a'rid 'an hatha waistaghfiree lithanbiki innaki kunti mina alkhatieena (Yūsuf 12:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यूसुफ़! इस मामले को जाने दे और स्त्री तू अपने गुनाह की माफ़ी माँग। निस्संदेह ख़ता तेरी ही है।'
English Sahih:
Joseph, ignore this. And, [my wife], ask forgiveness for your sin. Indeed, you were of the sinful." ([12] Yusuf : 29)